बिलासपुर-कटघोरा नेशनल हाइवे निर्माण में खामियां, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा, एनएचएआई के प्रोजेक्टर डायरेक्टर एके ढाल पर अनियमितता के आरोप लगे
जुर्माने की सिफारिश:खराब सड़क को अफसर ने ठीक कहा तो रमन का केंद्र काे पत्र: उसे हटाओ
बिलासपुर/ बिलासपुर-कटघोरा नेशनल हाइवे निर्माण में 14 जगह खामियां मिलने पर कंसल्टेंट कंपनी ने ठेकेदार से 9.35 करोड़ जुर्माने की सिफारिश की है। जुर्माना वसूलने की जगह एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कंसल्टेंट कंपनी को पत्र लिखकर मानसून, कोविड और अन्य परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में अपनी राय बदलने की ही सलाह दी है।
इधर, इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है, इसमें दो टूक शब्दों में लिखा गया है कि एनएचएआई के प्रोजेक्टर डायरेक्टर एके ढाल पर अनियमितता के आरोप हैं, उन्हें बदला जाए और किसी सीनियर अफसर को जिम्मेदारी दी जाए।
बिलासपुर से कटघोरा होते हुए अंबिकापुर तक नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट के तहत फोरलेन सड़क का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर से कटघोरा तक 39 किमी फोरलेन सड़क बनाई गई है। प्रोजेक्ट में इंडियन रोड कांग्रेस समेत अन्य मापदंडों के पालन की जांच करने के लिए एनएचएआई ने दिल्ली के एक इंजीनियरिंग कंपनी को कंसल्टेंट नियुक्त किया है। कंपनी को जांच के बाद रिपोर्ट देनी थी।
कंपनी ने बिलासपुर से कटघोरा के बीच 14 जगह गंभीर खामियां पाईं। दिल्ली की एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी ने 18 जनवरी 2022 को एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को चिट्ठी लिखकर बताया कि बिलासपुर से कटघोरा तक 39 किमी सड़क का निर्माण करवाया गया है, इसकी लागत करीब 1100 करोड़ है।
सड़क में 14 अलग-अलग जगह कई तरह की कमियां पाई हैं। इनमें कहीं सड़क तो कहीं अंडर-ओवरब्रिज को या तो गलत तरीके से बनाया गया है या फिर डिजाइन के हिसाब से तैयार नहीं किया गया है। यही कारण है कि उन्होंने ठेकेदार कंपनी पर 9.35 करोड़ का पेनाल्टी लगाने की अनुशंसा की है। ठेकेदार से आज तक यह पेनाल्टी नहीं वसूली गई है।
- पूर्व सीएम ने केंद्रीय मंत्री को लिखा- प्रोजेक्ट डायरेक्टर का तबादला करें
बिलासपुर-कटघोरा मार्ग में बरती गई लापरवाही की शिकायत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से की है। 24 अप्रैल 2023 को लिखे पत्र में उन्होंने एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एके ढाल को हटाने की मांग करते हुए बताया है कि बिलासपुर-पतरापाली परियोजना में कंसल्टेंट कंपनी ने 9.35 करोड़ के जुर्माने की अनुशंसा की है, लेकिन प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने इसे दरकिनार कर दिया है। पूर्व सीएम ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर को यहां से हटाने और मामले में जांच के आदेश देने की मांग की है।
- योजनाएं
कटघोरा से पतरापाली के बीच 39 किमी फोरलेन सड़क है।
लागत 1100 करोड़ है।
बिलासपुर, सूरजपुर, अंबिकापुर, कोरिया के साथ यह हाइवे यूपी, बिहार, झारखंड, एमपी, उत्तर प्रदेश को जोड़ती है।
सरकार नियुक्त करती है कंसल्टेंट कंपनी
शासन किसी भी नेशनल हाइवे निर्माण में एक ऐसी एजेंसी नियुक्त करती है जो सड़क निर्माण के बाद उसके मापदंडों की नापजोख करती है। यह एजेंसी स्वतंत्र होती है और निर्माण के बाद काम की गुणवत्ता और बाकी चीजों के हिसाब से रोड के मापदंडों का आकलन करती है।
- कहीं सुरक्षा की अनदेखी, कहीं गुणवत्ता दरकिनार
दिल्ली की एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी के मुताबिक बिलासपुर रतनपुर मार्ग में गतौरी के पास ओवरब्रिज का निर्माण गलत तरीके से किया गया है। सर्विस रोड भी ठीक नहीं बनी है। मोहतराई मोड़ के अलावा अन्य जगहों पर जिस तरह के मटेरियल का उपयोग किया है। उसका स्तर ठीक नहीं है। कंपनी ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर को फोटोग्रॉफ भेजे हैं, जिन्हें उनके सड़क विशेषज्ञों ने खींचे हैं।
"बिलासपुर कटघोरा मार्ग में गड़बड़ी मिलने या जुर्माना लगाने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। मीटिंग में होने के कारण मैं इस मसले पर बाद में बात करूंगा।" - एके ढाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एचएचएआई
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